Bihar Land Registry Rule ; बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में एक बार फिर से महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। 24 सितंबर, 2024 को बिहार उच्च न्यायालय ने नए निर्देश जारी किए जायेगे, जिनके तहत राज्य के भूमि रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। यह कदम राज्य की भूमि व्यवस्था को और अधिक सुगम और न्यायपूर्ण बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे भूमि से जुड़े विवादों में कमी लाई जा सके।
बिहार में भूमि विवाद और जमीनी धोखाधड़ी लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहे हैं। राज्य की आबादी में वृद्धि और भूमि की कमी ने इन विवादों को और अधिक जटिल बना दिया है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े नियमों में कई बार बदलाव किए हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ती गईं। इन समस्याओं को सुलझाने के लिए, बिहार उच्च न्यायालय ने 24 सितंबर नई फैसला सुनाएगा, 2024 को एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जाएगा, जिसके तहत जमीन रजिस्ट्री के नियमों में व्यापक सुधार की बात कही गई है।
नए नियम में बदलाव क्या हैं?
कोर्ट के आदेश के अनुसार, निम्नलिखित बदलाव किए जा सकते है:
1. डिजिटलीकरण: भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाया जाएगा। सभी दस्तावेज़ और सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। भूमि मालिक और खरीददार अब किसी भी समय अपनी जमीन की जानकारी को ऑनलाइन देख सकेंगे।
2. बायोमेट्रिक सत्यापन: अब जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल सभी पक्षों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। इससे फर्जी दस्तावेज़ों और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। यह कदम खरीद-बिक्री प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।

3. दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया: जमीन के दस्तावेज़ों की जांच और सत्यापन के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली विकसित की जाएगी। इससे सभी दस्तावेज़ों की जांच का कार्य एक ही स्थान से हो सकेगा और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।
4. ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: कोर्ट के आदेश के तहत, एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी स्थापित किया जाएगा, जहां लोग जमीन से जुड़े विवादों और धोखाधड़ी के मामलों की शिकायत कर सकेंगे। इसके माध्यम से लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी और भूमि विवादों का निपटारा तेजी से किया जा सकेगा।
5. प्रॉपर्टी की वंशावली जांच: जमीन के स्वामित्व को लेकर कोई विवाद ना हो, इसके लिए रजिस्ट्री से पहले प्रॉपर्टी की वंशावली की गहन जांच की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन रजिस्ट्री हो रही है, वह सही और वैध मालिक है।
बदलावों की आवश्यकता Bihar Land Registry Rule
बिहार में भूमि विवाद और धोखाधड़ी के मामले निरंतर बढ़ते जा रहे थे। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग इन विवादों से काफी परेशान थे। जमीन के नकली दस्तावेज़ और फर्जी मालिकों के नाम पर रजिस्ट्री होना आम हो गया था, जिससे सही मालिकों को अपनी जमीन वापस पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। नए नियम इन सभी समस्याओं को हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
संभावित प्रभाव
इन सुधारों के लागू होने से जमीन से जुड़े विवादों में कमी आ सकती है और बिहार की भूमि रजिस्ट्री प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। बायोमेट्रिक सत्यापन और डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से रजिस्ट्री सिस्टम अधिक सुरक्षित और सुचारू रूप से काम करेगा। इसके अलावा, ऑनलाइन शिकायत प्रणाली से लोगों को न्याय पाने में आसानी होगी और सरकार को भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।
24 सितंबर को बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों पर नया फैसला आएगा ।
अगर आप अभी बिहार में जमीन के मालिक है या जमीन खरीद बिक्री का काम करवाने वाले हैं तो आपको बता दे की जमीन रजिस्ट्री अभी करवा ले ताकि आपको कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े क्योंकि जमीन रजिस्ट्री के नियमों में 24 सितंबर को नया फैसला सुनाया जाएगा जिसमें कोर्ट के आदेश अनुसार जमीन के रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव किए जा सकते हैं ।
बिहार उच्च न्यायालय का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य की भूमि व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है। इन सुधारों से राज्य की भूमि व्यवस्था अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और आधुनिक बनेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को लाभ होगा। उम्मीद की जा रही है कि ये नए नियम जमीन से जुड़े विवादों को कम करने में सहायक साबित होंगे और राज्य की भूमि व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित करेंगे।
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